नमस्कार साथियों ,रीडिंग आर्ट में आपका स्वागत है. आज एक ऐसी इंटरेस्टिंग खबर पर चर्चा करने के लिए जो कि ना तो ईरान इजराइल से जुड़ी है ना हमास और इजराइल से जुड़ी है ना फिर किसी अन्य युद्ध से .
रूस का नया हथियार टोबोल – तो इस विषय पर अचानक अपडेट निकाल के लाए एक अखबार ने जानकारी दी है कि पुतिन ने एक ऐसा वेपन बना दिया है कि अब वोह हवा में हवाई जहाजों को आपस में टक्कर करवाने में काबिल हो जाएंगे यह खबर छपती है और खबर बनकर आती है कि ऑल अबाउट टोबोल रशिया का वह सीक्रेट वेपन जो कि हवाई जहाजों को उड़ते उड़ते जाम कर देगा.
टोबोल कर रहा है हवाई जहाज को गुमराह -आप कहेंगे उड़ते उड़ते जैम कर देगा से मतलब क्या है विमान चलते-चलते रुक जाएगा क्या नहीं दिशा भटक सकता है और जब विमान दिशा भटक जाए तो हवा में उड़ते हुए संभव है कि किसी अन्य विमान से टकरा जाए. सुर्खियां बनती हैं रशिया का सीक्रेट वेपन जिसका नाम टोबोल है लिंक टू जैमिंग ऑफ प्लेन सिग्नल ये हवाई जहाजों के सिग्नल्स को जैम कर सकता है.
विमान सिग्नल जाम होना -अब सिग्नल जैमिंग कैसे होती है इसके लिए जरूरी है कि कि आप इस सेशन को विस्तार से समझें सिग्नल्स का महत्व क्या है हवाई जहाज उड़ता कैसे है टोबोल क्या कर सकता है और इस बात को खबर को सुर्खी में देने से पहले ऐसे कौन से डाटा का संकलन किया गया जिससे यह पता चला हो कि टोबोल कुछ कर रहा है तो ऐसी स्थिति में आज आपको जानकारी देंगे क्योंकि रूस का सीक्रेट हथियार टोबोल सुर्खियों में है, और यह सुर्खियों में इसलिए भी है कि इससे एलन मस्क को काफी नुकसान हो सकता है.
विमान की कैबिनेट की बनावट -जब कोई हवाई जहाज उड़ता है तो आप में से बहुत से लोगों के दिमाग में यह ख्याल तो आता है कि यार इस पायलट को यह नीचे का रनवे कैसे दिख रहा होगा कि यह रनवे कहां तो खत्म हुआ. तो इन्हें कैसे पता चलता है कि यह एयर स्ट्रिप के आगे कोई नहीं है और एकदम स्पेस क्लियर है, नीचे कोई दूसरा हवाई जहाज नहीं है, जिससे टकराने का डर ना हो तो कुछ तो ऐसा है जो हवाई जहाज के उड़ने को कंट्रोल करता है . यही जानकारी आपको आज थोड़ा सा समझ लेनी है.
पायलट के साथ विमान के सिग्नल और संदेशों का लिंक -लेकिन पुतिन ने क्या बनाया है उसको समझने के लिए कुछ बेसिक जानकारी होना जरूरी है इसलिए आइए थोड़ा सा प्लेन को समझने का प्रयास करते हैं. हवाई जहाज उड़ते समय जो भी पंख पंखियो उड़ रहा है तो कुछ तो मशीनें काम कर ही रही होंगी हम अंदर की तरफ चल रहे हैं जहां से कंट्रोल किया जाता है हवाई जहाज को बैठे हुए दो पायलट एक मेन पायलट और एक कोपायलट. दोनों ही अपने सामने लगी हुई स्क्रीन्स को बहुत ध्यान से पूरे टाइम देख रहे होते हैं .इनके सामने लगी हुई इन स्क्रीन पर दिखा रहा होता है कि आपके आसपास क्या कोई दूसरा फ्लाइट है क्या ,आपके सामने की स्क्रीन दिखा रही होती है कि क्या कोई सामने टर्बुलेटर लगे हुए गियर बॉक्स इनको उड़ाने में और लिफ्ट करने में मदद करते हैं इनके सामने एक बड़ा सा पैन लगा हुआ होता है
जिस पैनल के माध्यम से फ्लाइट चलाते समय पायलट को बहुत सारे संदेश प्राप्त हो रहे होते हैं इन्हीं संदेशों में से अगर कोई संदेश पायलट को प्राप्त होना बंद हो जाए तो बड़ी भीषण घटना हो सकती है. हवाई जहाज के केस में जो व्यक्ति एटीसी में कंट्रोलर बनके बैठा हुआ है यह ना केवल हवाई जहाज के उड़ने को बल्कि उतरने को बैठने को इवन जहां पे खड़ा हुआ है उस बेसे रन रनवे की पट्टी तक लाने को ,सबको कंट्रोल करता है. एयरपोर्ट पर एयर स्ट्रिप के पास में एक बहुत बड़ा सा हाइटेक कमरा सा बना हुआ होता है एक कबि होता है, जो बहुत ऊंचाई पर बना हुआ होता है. इस कमरे को एयर ट्रैफिक कंट्रोल का रूम कहते हैं.
एटीसी का भी संपर्क मुश्किलों में -एटीसी का कोई कैबिज अपने द्वारा फ्लाइट के पायलट को निरंतर मैसेज दे रहा होता है यानी कि फ्लाइट का पायलट डायरेक्टली इससे कनेक्टेड रहता है अब बड़ा सवाल है हमारे पास में मोबाइल का नेटवर्क ना आए थोड़ी बहुत दूर अगर हम चले जाएं तो नेटवर्क आना बंद हो जाता है तो ऐसा क्या होता है जिससे कि हवाई जहाज जो इतनी ऊंचाई पर कई किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ रहे होते हैं 10 से 15 किलोमीटर की ऊंचाई पर जब हवाई जहाज उड़ रहा होता है तो इनके पास में यह संवाद इतना आसानी से हो कैसे जाता है इस संवाद को करने में कुछ विशेष प्रकार के इंस्ट्रूमेंट का उपयोग किया जाता है जिससे कि एटीसी उड़ते हुए हवाई जहाज को भी इंस्ट्रक्शंस दे सकता है उड़ते हुए हवाई जहाज को इंस्ट्रक्शंस देने के लिए जमीन पर कुछ रडार लगाए जाते हैं. इनमें से एक रडार प्राइमरी सर्विलांस रडार होता है और दूसरा सेकेंडरी सर्विलांस रडार होता है.
रडार की फ्रीक्वेंसी -रडार रेडियो डिटेक्शन एंड रेंजिन अर्थात यहां पर लगे हुए रडार जो कुछ इस प्रकार से बने हुए होते हैं. इनके द्वारा अपने में से कुछ रेडियो वेव्स को फ्लाइट तक भेजा जाता है. ये रेडियो वेव्स जब यहां पहुंचती हैं, तो रेडियो वेव्स को लगा हुआ ट्रांसपोंडर अपने हिसाब से रिटर्न मैसेज सेंड करता है. यानी कि जिस प्रकार से हवा में कोई भी फाइटर जेट निकलता है तो बॉर्डर पर लगे हुए रडार उसे पकड़ते हैं. ऐसे ही कितनी ही ऊंचाई पर उड़ने वाला कमर्शियल प्लेन हो उसे भी रडार कैप्चर करते हैं कि कौन सा हवाई जहाज हमारे क्षेत्र में है. रडार्स को ना केवल प्राइमरी सर्विलांस रडार यह कंफर्म करते हैं कि यह जहाज हमारी रेंज में आ गया है बल्कि सेकेंडरी सर्विलांस रडार इस बात को और बेहतर तरीके से कम्युनिकेट करके वाया मैसेजेस कंफर्म करता है कि आप फलाने की सीमा में आ चुके हैं और प्रति 5 सेकंड अधिकतम बताया गया है. वैसे बहुत सी जगह 5 सेकंड की एक्यूरेसी भी प्राप्त की जा चुकी है.
रडार इतनी देर में इनके साथ निरंतर कम्युनिकेशन में रहता है. इन रडार से प्राप्त सूचनाओं का डटा प्रोसेस किया जाता है और यही डाटा प्रोसेस करके इस सिचुएशन को एयर ट्रैफिक कंट्रोल की स्क्रीन पर डिस्प्ले किया जाता है इस कैबिनेट को जो कि प्राइमरी सर्विलांस रडार और सेकेंडरी सर्विलांस रडार के माध्यम से स्क्री स्क्रीन पर आ रहा है उसे देख कर के निरंतर पायलट को उसकी स्क्रीन पर वाया मैसेजेस भेज रहा होता है कि अब आप इतनी सीमा पर आ चुके हैं .अब आप इतनी एल्टीट्यूड पर है इतने लोंगिट्यूड पर हैं यह सारी जानकारी इसको प्रॉपर तरीके से दी जा रही होती है धरती से कितनी ऊंचाई पर है आप कौनसे लाटीट्यूड पर चल रहे हैं ये सारीजानकारी लटटू कौन सा है लोंगिट्यूड कौन साहै एल्टीट्यूड कौन सा है एटीसी द्वारा फ्लाइट में बैठे हुए पायलट को सारी जानकारी दी जा रही होती है.
जितना भी रेंज में फ्लाइट उड़ रही हैं उन्हें प्रॉपर जानकारी ट्रैक ऑन डिवाइसेजके द्वारा जब दी जाती है. मतलब फ्लाइट जब आसमान में होती है तो पूरी तरह से रडार से ही डायरेक्शंस प्राप्त करती है लेकिन कई बार समुंदर में भी फ्लाइट निकलती है, समुद्र के ऊपर से फ्लाइट क्रॉस होती हैं तो ye स्थिति में फ्लाइट को कम्युनिकेट किया जाता है सेटेलाइट्स के माध्यम से ,जो पूरी दुनिया में उड़ रहे हैं उन सेटेलाइट्स के माध्यम से फ्लाइट्स को मैसेजेस भेजे जाते हैं जिस ट्रांसपोंडर्स के माध्यम से भेजा जाता है उन्हें डीएस बी रिसीवर और एडीए बी आउट ट्रांसमीटर के नाम से जाना जाता है यानी फ्लाइट लगातार कम्युनिकेट करती रहती है रडार का उपयोग और एएस बी का उपयोग करके फ्लाइट की सारी लोकेशंस पता लगाई जाती रहती हैं.
विमान को गलत कम्युनिकेशन – साथियों यहां पर जो मैं जानकारी आपको दे रहा हूं एडीए बी के बारे में उसे आप केवल इतना समझ लीजिए कि ऑटोमेटिक डिपेंडेंट सर्विलांस जो मशीन है एएस बी इसी के द्वारा फ्लाइट की लोकेशंस को ट्रैक किया जाता. हवाई जहाज अगर आसमान में है तो उसके पास में सिग्नल्स जा रहे हैं और रेगुलर सिग्नल्स जा रहे हैं 5 सेकंड तक में भी उस तक सिग्नल जा रहे होते हैं अगर सिग्नल खो गया तो समझिए फ्लाइट खो गई अब चर्चा आती है आजकी आज हम जो चर्चा कर रहे हैं टोबोल की वो असल में है क्या सोचिए कि रडार के द्वारा भेजा गया सिग्नल फ्लाइट को अगर किसी के द्वारा अवरुद्ध कर दिया जाए विचार कीजिए कि जब फ्लाइट को रडार से मैसेज भेजे जा रहे हो उसी समय कोई व्यक्ति एक और ऐसारडार वहां लगा दे जो ऐसी की ऐसी रेडियो वेव हवाई जहाज को भेजे लेकिन उसमें संदेश कुछ और हो यानी कि इस विमान के पास जा रहा जो संदेश है रेडियो वेव है उसमें गलत फ्रीक्वेंसी पर गलत नोट्स भेज दिए जाएं तो विमान दिशा भ्रम की स्थिति में हो सकते हैं.
रूस का गुप्त जैमिंग हथियार – यही खबर बनती है दासन की जो लिखता है जैम एंड ब्लास्ट पुतिन टॉप सीक्रेट जैमिंग वेपन टोबोल कुड बी बिहाइंड थाउजेंड्स ऑफ ब्रिटिश हॉलिडे फ्लाइट्स बीइंग अटैक्ड बाय रशिया रशिया के द्वारा ब्रिटिश फ्लाइट्स को अटैक करने के लिए टोबोल का उपयोग किया जा सकता है साथियों रशिया से कनेक्टेड यूरोप की जो फ्लाइट्स हैं उन्होंने हाल ही में रूसी टेक्नोलॉजी के एक वेपन टोबोल का हाल ही में यूज देखा है. ऐसी बहुत सारी ब्रिटिश फ्लाइट्स हैं जिन्होंने यह फील किया कि उनके रडार से प्राप्त होने वाले जो मैसेज थे वो एज प्योर एज प्रीवियस नहीं थे. उनमें किसी प्रकार की मिलावट थी और वो मैसेजेस फ्लकचुएट हो रहे थे थे .
अक्सर आपने कई बार एग्जाम में सुना होगा कि जब एग्जाम हो रहे होते हैं तो एग्जाम हॉल के बाहर जैमर लगा दिया जाता है वो जैमर जो कि डिवाइसेज के पास में किसी भी प्रकार का इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन नहीं पहुंचने देता. अगर जैमर सोचिए हवाई जहाज के रास्ते में ना लगाकर बल्कि वैसा ही कोई और मैसेज भेज दिया जाए जिसके भरोसे हवाई जहाज उड़ रहा है उसका रास्ता भटका दिया जाए तो वह जैम की स्थिति कितना जबरदस्त घातक होगी विचार कीजिए कि उससे हवाई जहाजों को कितना भीषण नुकसान हो सकता है.
साथियों अखबार में छापा है कि लगभग 4000 फ्लाइट्स ने हाल ही में ऐसे ही जैमिंग को फील किया है, जो कि एक्सट्रीमली डेंजरस है.
विचार कीजिए कि मिसाइल को प्राप्त होने वाला संदेश ही अगर किसी ने पॉइजन कर दिया,या उसमें कोई मिलावट कर दी, या फिर उसको इस प्रकार से भटका दिया कि वह मिसाइल यह समझ ही नहीं पाई कि हमें मैसेज का प्राप्त हुआ था ,तो वह कारनामा टोबोल के द्वारा एक्सपेक्ट किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि रशिया के द्वारा कैलिन ग्राड में एयर डिफेंस सिस्टम के अंदर इस जैम और ब्लास्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है,
युद्ध के दौर में जब हर एक पल अनमोल होता है फाइटर जेट्स, दुश्मनों पर बम गिराने जा रहे होते हैं, पूरा कम्युनिकेशन सैटेलाइट और रडार से चल रहा होता है ,और उस समय कोई नीचे से सैटेलाइट से प्राप्त संदेशों को भेज रहा था, उनकी दिशा भटका रहा था, तो युद्ध का स्तर क्या होगा। यही सबसेपोर्टेंट टोबोल कहा जा रहा है कि रूस ऐसे 10 वैश्विक विकास कर चुका है। जब से रसिया जापानी कंफ्लक्स वपन नहीं हुआ है, तो यह निश्चित है कि इसकी मदद से किसी पर भी गोला नहीं बनाया जा सकता है, बल्कि शेयरों के गोलों को प्रभावित किया जा रहा है.
एलन मस्क की मुसीबत -एक और उदाहरण मिला साथियों अब 2 साल से ऊपर का समय, ऐसी स्थिति में भुगतान किया गया यूक्रेन ने जब शुरुआत में रसिया से मुकाबला किया या फिर जब हमला किया तो उस समय स्टार लिंक ने इंटरनेट प्रोवाइड करने का कहा था। एलन मस्क की कंपनी स्टार लिंक है जिसने कहा था कि आपका बहुत नुकसान हो गया है मैं आपका इंटरनेट बंद करना चाहता हूं। लेकिन जापान ने इंटरनेट का उपयोग करने के लिए एक प्राप्त स्टार लिंक की वेबसाइट से रूस पर हमला किया।
फिर एलन मस्क ने साफ-साफ मना कर दिया कि आप मेरे स्टार लिंक इंटरनेट का इस्तेमाल युद्ध में नहीं कर सकते, इसलिए जापान में एलन मस्क ने अपने बिजनेसमैन दी रोक लगा दी। यह तो एक संस्करण है इस पूरी घटना का वास्तविकता में वास्तविक संस्करण यह है कि जब के क्रेन को एलन मस्क ने स्टार लिंक की कंपनी दी इंटरनेट के नाम पर रखा तो कलिन ग्रेड में लगा वह टोबोल ही था जिसने स्टार लिंक को भी अपनी दिशा भटका दिया दी थी. यानी स्टार लिंक से जो इंटरनेट की जो फ्रीक्वेंसी प्राप्त हो रही थी जापान को टोबोल ने उसे भी हिला दिया और जो डूब गया उसके द्वारा किए गए शत्रुतापूर्ण हमले नहीं हुए ऐसे भी अखबारों के द्वारा ऐसा भी कहा जा रहा है.
भविष्य के बारे में चिंता – मतलब यह ना केवल इंटरनेट है यह ना केवल हवाई जहाज के पार्ट्स को हिलाता है बल्कि सैटेलाइट के सिग्नल जो इंटरनेट के रूप में धरती पर आ रहे हैं वे भी अपनी दिशा भटकाने में सक्षम हैं। रसिया का यह वेपन आज के काल का नहीं बल्कि भविष्य के लिए बहुत-बहुत अच्छा हो सकता है। स्टार लिंक बल्कि 46000 एयरक्राफ्ट ने ऐसी रिपोर्ट दी है कि जब वो बाल्टिक ओशियान से कलिन ग्राड के आसपास से उड़े हैं तो उन्हें अगस्त से लेकर पिछले महीने मार्च के बीच में जबरदस्त तरीकों से इलेक्ट्रॉनिक्स के संदेशों में बहुत कुछ बनाया गया है, फ्लक्चुएन्स ने बताया उन्हें प्रोपर तरीके से सभी डेटा प्राप्त नहीं हुए हैं, इससे आपको परेशानी हो सकती है कि ये सात नेक्स्ट लेवल कावरफेनटैयर करने की तैयारी चल रही है.
धन्यवाद